शिव जी के मंत्र – अर्थ और लाभ

अगर आप शिव जी की अधिक कृपा पाना  चाहते हैं, तो आपको कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करने से शिव जी न सिर्फ खुश होते हैं, बल्कि अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं।

  • शिव षडाक्षरी मंत्र
  • मृत्युंजय मंत्र
  • शिव गायत्री मंत्र

शिव षडाक्षरी मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

अर्थ

जिनमें समस्त संसार का सार विराजमान है, जो स्वयं ओमकारमय हैं और ॐ का ध्यान करते हैं ऐसे हे शिव, मैं आपको नमन करता हूं।

लाभ

ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने के साथ ही निरोगी काया की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का ध्यान किया जा सकता है। इस मंत्र का उच्चारण कोई भी व्यक्ति कर सकता है। इस मंत्र के उच्चारण के लिए कोई विशेष स्थान या फिर विशेष समय की आवश्यकता नहीं है। इस मंत्र को सभी वेदों का सार तत्व माना गया है।

मृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।  उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

अर्थ

हे तीन नेत्रों वाले महादेव, हमारे पालनहार, पालनकर्ता, जिस प्रकार पका हुआ खरबूजा बिना किसी यत्न के डाल से अलग हो जाता है,  कृपया कर हमें भी उसी तरह इस दुनिया के मोह एवं माया के बंधनों और जन्म मरण के चक्र से मुक्त कर मोक्ष प्रदान कीजिए।

लाभ

इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु का डर दूर होता है। इससे असाध्य रोग भी शांत हो जाते हैं। इसके अलावा इस मंत्र के जाप से हर तरह के सुख मिलते हैं।

शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

अर्थ

हे परम पुरुष, देवों के देव महादेव आप विशेष बुद्धि के धारक हैं, आपकी करुणा और दया सदा हम पर बनाए रखें।

लाभ

इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य का कल्याण होता है। साथ ही इस शिव गायत्री मंत्र से समस्त पापों का नाश होता है।

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