- ️ हनुमान जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तारीख: शनिवार, 12 अप्रैल 2025 (Saturday, 12 April 2025)
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल, सुबह 3:21 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल, सुबह 5:51 बजे
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:29 – 5:14
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:56 – 12:48
- अमृत काल: 11:23 – 1:11
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:44 – 7:06
इस दिन पंचग्रही योग का संयोग बन रहा है, जो हनुमान जयंती पूजा के लिए अत्यंत शुभ है।
पूजा से पहले क्या करें?
- पूर्णिमा यानि हनुमान जयंती से एक दिन पहले की रात को भूमि पर सोएं और भगवान राम, देवी सीता व भगवान हनुमान जी का ध्यान करें।
- हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग बली की पूजा करने से पूर्व अपने अंतर्मन को शुद्ध कर लें, यानि किसी के प्रति छल कपट या क्रोध आदि न रखें।
- पूजा के लिए एक चौकी, लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो, अक्षत, घी का दीपक, फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, धूप, नैवेद्य आदि सामग्रियां पहले से एकत्र कर लें।
हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi in Hindi)
- ब्राह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और शुद्ध लाल वस्त्र पहनें।
- व्रत का संकल्प लें।
- लाल कपड़े से सजी चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- सिंदूर व चमेली का तेल अर्पित करें, चोला चढ़ाएं।
- भोग अर्पित करें: बूंदी/बेसन के लड्डू, चना, गुड़, पान।
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड का पाठ करें।
- दीपक और अगरबत्ती से आरती करें।
अगर आप व्रत है या नहीं भी है तो निचे दिए गए विधि का भी प्रयोग कर सकते है।
- हनुमान जयंती के दिन प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, एवं स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- उसके पश्चात् हाथ में जल लेकर हनुमान जी के सम्मुख व्रत का संकल्प लें।
- अब हनुमान जी की मूर्ति के सम्मुख बैठकर उनकी पूजा करें।
- पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- अब हनुमान जी को तिलक, अक्षत, फूल आदि सामग्री अर्पित करें।
- इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला अवश्य चढ़ाएं।
- इसके पश्चात् हनुमान चालीसा पढ़ें, और षोडशोपचार यानि 16 संस्कारों के समस्त अनुष्ठानों का पालन करते हुए बजरंग बली की पूजा करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने के पश्चात् उन्हें भोग अर्पित करें।
- इसके बाद दीपक व धूप जला कर बजरंगबली की आरती उतारें।
- इस दिन आप हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें। और यदि संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ भी अवश्य करें।
- हनुमान जयंती के दिन व्रत रखकर अगले दिन स्नान करने के पश्चात् भगवान श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी का ध्यान करके अपने व्रत का पारण करें।
- इस प्रकार पूजा करने से हनुमान जी अपने भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं, और समस्त दुखों का नाश करते हैं।
हनुमान जयंती पूजा सामग्री लिस्ट
- लाल वस्त्र, पुष्प, अक्षत
- सिंदूर, चमेली का तेल, चोला
- जनेऊ, इत्र, चांदी/सोना वर्क
- बूंदी/बेसन के लड्डू, गुड़, चना
- तुलसी दल, पान का बीड़ा, दीपक, धूप
हनुमान मंत्र और पाठ
हनुमान मंत्र: “ॐ हनुमते नमः”
पाठ करें: हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड
भोग अर्पण
- बूंदी के लड्डू
- बेसन के लड्डू
- गुड़ व चना
- तुलसी, पान का बीड़ा
व्रत पारण समय
- तिथि: रविवार, 13 अप्रैल 2025
- समय: सुबह 5:58 बजे के बाद
✨ हनुमान जयंती का महत्त्व
हनुमान जयंती का पर्व भक्तों के लिए शक्ति, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन व्रत व पूजन करने से संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। हनुमान जी की कृपा से बाधाएं दूर होती हैं और आत्मबल प्राप्त होता है।
इस लेख को शेयर करें और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें। जय श्री राम!