राम नवमी पूजा

आज पूरे देश में भगवान राम का जन्मदिन, यानी रामनवमी मनाया जा रहा है। प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुआ था। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है अगर विधि-विधान से पूजा की जाए। इस मौके पर मंदिरों में विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राम नवमी का उत्साह पूरे भारत में दिखाई देता है।

घरों में भगवान राम के लिए भोग तैयार किए जाते हैं और भंडारों का आयोजन भी होता है। अगर आप मंदिर नहीं जा पाते हैं, तो आप घर पर भी पूजा-अर्चना कर सकते हैं और भगवान राम को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए इस पूजा की विधि को भी समझते हैं।

घर पर ऐसे करें राम जी की पूजा

  • राम नवमी के दिन प्रातः काल में स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • बाद में राम जी की मूर्ति या तस्वीर को एक लकड़ी की चौकी पर स्थापित कर दें।
  • इसके बाद राम जी को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर जल से भगवान राम का अभिषेक करें।
  • फिर राम जी को वस्त्र पहनाएं, चंदन से तिलक करें।
  • बाद में फूल, माला से उनका श्रृंगार करें।
  • इस दौरान राम जी को अक्षत्, फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी के पत्ते, गंध आदि अर्पित करें।
  • राम जी को प्रसाद के रूप में आप रसगुल्ला, लड्डू, हलवा, इमरती, खीर आदि का भोग लगा सकते हैं।
  • बाद में पूजा के दौरान राम नाम का जप करें और उनकी आरती करें।

भगवान राम पूजा मंत्र

ऊं रामचंद्राय नमः
रां रामाय नमः
ऊं नमो भगवते रामचंद्राय

भगवान राम की आरती

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

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